उलझनों और कश्मकश में उम्मीद की ढाल लिए बैठै हैं Neha / Jan 31, 2022 उलझनों और कश्मकश में उम्मीद की ढाल लिए बैठै हैं उलझनों और कश्मकश में उम्मीद की ढाल लिए बैठै हैं, ए जिंदगी, तेरी हर चाल के लिए हम दो चाल लिए बैठे हैं...! Ulajhanon aur kashmakash mein ummeed kee dhaal lie baithai hain, E jindagee, teree har chaal ke lie ham do chaal lie baithe hain...! Shayari Ham Shayari Hindi Shayari Teri Shayari Ummeed Shayari