उधेड़ देता है जमाना जब जज्बात मेरे

उधेड़ देता है जमाना जब जज्बात मेरे

उधेड़ देता है जमाना जब जज्बात मेरे
मैं कलम से अपने हालात रफू कर लेता हूँ


Udhed deta hai jamaana jab jajbaat mere
Main kalam se apane haalaat raphoo kar leta hoon