उठाए फिरता हूं मैं बोझ ख्वाहिशों का

उठाए फिरता हूं मैं बोझ ख्वाहिशों का

उठाए फिरता हूं मैं..बोझ ख्वाहिशों का..!
अ जिन्दगी..तूने मुझे मजदूर बना डाला..!!


Uthae phirata hoon main..bojh khvaahishon ka..!
A jindagee..toone mujhe majadoor bana daala..!!