इस रेंगती हयात का कब तक उठाए बार

इस रेंगती हयात का कब तक उठाए बार

इस रेंगती हयात का कब तक उठाए बार
बीमार अब उलझने लगे है तबीब से !!

(हयात = ज़िन्दगी; तबीब = डॉक्टर)


Is rengati hayaat ka kab tak uthaaye baar
Beemar ab uljhane lage hai tabeeb se