इश्क़ होना भी लाज़मी है शायरी लिखने के लिए वरना

इश्क़ होना भी लाज़मी है शायरी लिखने के लिए वरना

इश्क़ होना भी लाज़मी है शायरी लिखने के लिए वरना...
कलम ही लिखती तो हर दफ्तर का बाबू ग़ालिब होता...!!


Ishq hona bhee laazamee hai shaayaree likhane ke lie varana...
Kalam hee likhatee to har daphtar ka baaboo gaalib hota...!!