इश्क़ बिखरा है फिज़ाओं में साथ रंग के घुलकर

इश्क़ बिखरा है फिज़ाओं में साथ रंग के घुलकर

इश्क़ बिखरा है फिज़ाओं में साथ रंग के घुलकर,
महक रहा है ज़हन में तेरा खयाल गुलाल के जैसा !


Ishq bikhara hai phizaon mein saath rang ke ghulakar,
Mahak raha hai zahan mein tera khayaal gulaal ke jaisa !