इश्क रहजन न सही फिर भी इश्क के हाथों

इश्क रहजन न सही फिर भी इश्क के हाथों

इश्क रहजन न सही फिर भी इश्क के हाथों
हमने लुटती हुई देखी हैं बरातें अक्सर


Ishk rahajan na sahee phir bhee ishk ke haathon
Hamane lutatee huee dekhee hain baraaten aksar