इश्क का कोई रंग नहीं फिर भी वो रंगीन है

इश्क का कोई रंग नहीं फिर भी वो रंगीन है

इश्क का कोई रंग नहीं फिर भी वो रंगीन है,
मोहब्बत का कोई चेहरा नहीं फिर भी वो हसीन है।


Ishq Ka Koi Rang Nahin Phir Bhi Vo Rangeen Hai,
Mohabbat Ka Koi Chehra Nahin Phir Bhi wo Haseen Hai.