इबादत वो है जिसमे जरुरतो का जिक्र ना हो

इबादत वो है जिसमे जरुरतो का जिक्र ना हो

इबादत वो है जिसमे जरुरतो का जिक्र ना हो...
सिर्फ उसकी रहमतो का शुक्र हो...!!


Ibaadat vo hai jisme jarurato ka jikar na ho...
Sirf uski rahamato ka shukr ho !!