इतनी मुश्किलों से ज़ख्मों की सिलाई की थी

इतनी मुश्किलों से ज़ख्मों की सिलाई की थी

इतनी मुश्किलों से ज़ख्मों की सिलाई की थी

इतनी मुश्किलों से ज़ख्मों की सिलाई की थी,
कम्बख्त लफ्ज़ फिर दर्द उधेड़ गये...!


Itanee mushkilon se zakhmon kee silaee kee thee,
Kambakht laphz phir dard udhed gaye...!