इंसान को जितने में संतोष हो जायें वही ज्यादा है

इंसान को जितने में संतोष हो जायें वही ज्यादा है

इंसान को जितने में संतोष हो जायें वही ज्यादा है,
वरना बैंक में करोड़ो होने का क्या फायदा है !!


Insaan ko jitane mein santosh ho jaayen vahee jyaada hai,
Varana baink mein karodo hone ka kya phaayada hai !!