आसमाँ पे कहीं ठहरी थीं निगाहें मेरी

आसमाँ पे कहीं ठहरी थीं निगाहें मेरी

आसमाँ पे कहीं ठहरी थीं निगाहें मेरी

आसमाँ पे कहीं ठहरी थीं निगाहें मेरी...
पावँ मेरे किसी ठोकर की तरफ़ बढ़ रहे थे.....!!


Aasamaan pe kaheen thaharee theen nigaahen meree...
Paavan mere kisee thokar kee taraf badh rahe the.....!!