आ कि तुझ बिन इस तरह ऐ दोस्त घबराता हूँ मैं Neha / Jan 31, 2022 आ कि तुझ बिन इस तरह ऐ दोस्त घबराता हूँ मैं आ कि तुझ बिन इस तरह ऐ दोस्त घबराता हूँ मैं जैसे हर शै में किसी शै की कमी पाता हूँ मैं Aa ki tujh bin is tarah ai dost ghabaraata hoon main Jaise har shai mein kisee shai kee kamee paata hoon main Shayari 2 Line Shayari Dost Shayari Kami Shayari Raat Shayari