आ कि तुझ बिन इस तरह ऐ दोस्त घबराता हूँ मैं

आ कि तुझ बिन इस तरह ऐ दोस्त घबराता हूँ मैं

आ कि तुझ बिन इस तरह ऐ दोस्त घबराता हूँ मैं
जैसे हर शै में किसी शै की कमी पाता हूँ मैं


Aa ki tujh bin is tarah ai dost ghabaraata hoon main
Jaise har shai mein kisee shai kee kamee paata hoon main