अहंकार में इंसान को हकीकत दिखाई नही देता है

अहंकार में इंसान को हकीकत दिखाई नही देता है

अहंकार में इंसान को हकीकत दिखाई नही देता है,
कितना भी जोर से बोला जाएँ तो सच सुनाई नही देता है.


Ahankaar mein insaan ko hakeekat dikhaee nahee deta hai,
Kitana bhee jor se bola jaen to sach sunaee nahee deta hai.