अलमारी से मिले हुए बचपन के खिलोने

अलमारी से मिले हुए बचपन के खिलोने

अलमारी से मिले हुए बचपन के खिलोने,
मेरी आंखों की उदासी देखकर बोले,
तु्म्हें ही बहुत शौक़ था बड़ा होने का !!


Alamaaree se mile hue bachapan ke khilone,
Meree aankhon kee udaasee dekhakar bole,
Tumhen hee bahut shauq tha bada hone ka !!