अभी न रात के गेसू खुले न दिल महका

अभी न रात के गेसू खुले न दिल महका

अभी न रात के गेसू खुले न दिल महका,
कहो नसीम-ए-सहर से ठहर ठहर के चले !


Abhee na raat ke gesoo khule na dil mahaka,
Kaho naseem-e-sahar se thahar thahar ke chale !