अब हम इश्क़ के उस मुक़ाम पर आ चुके हैं

अब हम इश्क़ के उस मुक़ाम पर आ चुके हैं

अब हम इश्क़ के उस मुक़ाम पर आ चुके हैं,
जहाँ दिल किसी और को सोचे भी तो गुनाह होता है।


Ab Hum Ishq Ke Uss Maqam Par Aa Chuke Hain,
Jahan Dil Kisi Aur Ko Soche Toh Gunaah Hota Hai.