अब तो दर्पण मे भी खुद का अक्स नही भाता मुझे Neha / Jan 31, 2022 अब तो दर्पण मे भी खुद का अक्स नही भाता मुझे अब तो दर्पण मे भी खुद का अक्स नही भाता मुझे, उसकी आंखो मे खुद को देखने का सूकून जो नही मिलता।। Ab to darpan me bhee khud ka aks nahee bhaata mujhe, Usakee aankho me khud ko dekhane ka sookoon jo nahee milata.. Shayari Aankh Shayari Hindi Shayari Khud Shayari