अपनी सूरत का कभी तो दीदार दे

अपनी सूरत का कभी तो दीदार दे

अपनी सूरत का कभी तो दीदार दे,
तड़प रहा हूँ अब और न इंतज़ार दे,
अपनी आवाज नहीं सुनानी तो मत सुना,
कम से कम एक मिस काल ही मार दे।


Apni Surat Ka Kabhi Toh Deedar De,
Tadap Raha Hun Ab Aur Intezaar Na De,
Apni Aawaj Nahi Sunani Toh Mat Suna,
Kam Se Kam Ek Miss Call Hi Maar De.