अपनी मर्जी से कहाँ अपने सफ़र के हम हैं

अपनी मर्जी से कहाँ अपने सफ़र के हम हैं

अपनी मर्जी से कहाँ अपने सफ़र के हम हैं
रुख़ हवाओं का जिधर का है उधर के हम हैं


Apanee marjee se kahaan apane safar ke ham hain
Rukh havaon ka jidhar ka hai udhar ke ham hain