अपना वजूद भुला कर ना जाने कितनी रिवायतें निभाती हे

अपना वजूद भुला कर ना जाने कितनी रिवायतें निभाती हे

अपना वजूद भुला कर ना जाने कितनी रिवायतें निभाती हे

अपना वजूद भुला कर ना जाने कितनी रिवायतें निभाती हे,
सलाम हर उस ख़ातून को, जो घर को घर बनाती हे...


Apana vajood bhula kar na jaane kitanee rivaayaten nibhaatee he,
Salaam har us khaatoon ko, jo ghar ko ghar banaatee he...