अधूरे से रहते हैं मेरे लफ्ज़ तेरे ज़िक्र के बिना Pradeep / Jan 31, 2022 अधूरे से रहते हैं मेरे लफ्ज़ तेरे ज़िक्र के बिना अधूरे से रहते हैं मेरे लफ्ज़ तेरे ज़िक्र के बिना... मानो जैसे मेरी हर शायरी की रूह तुम ही हो...!! Adhoore se rahate hain mere laphz tere zikr ke bina... Maano jaise meree har shaayaree kee rooh tum hee ho...!! Shayari Hindi Shayari Lafz Shayari Meri Shayari Tum Shayari