अक्सर वही लोग उठाते हैं हम पर उँगलियाँ

अक्सर वही लोग उठाते हैं हम पर उँगलियाँ

अक्सर वही लोग उठाते हैं हम पर उँगलियाँ,
जिनकी हमें छूने की औकात नहीं होती।


Aksar vahee log uthaate hain ham par ungaliyaan,
Jinakee hamen chhoone kee aukaat nahin hotee.