अक्सर बची हुई ठण्डी रोटियां उसी शख्स के हिस्से में आती है

अक्सर बची हुई ठण्डी रोटियां उसी शख्स के हिस्से में आती है

अक्सर बची हुई ठण्डी रोटियां उसी शख्स के हिस्से में आती है,

जो शख्स अपने घर के लिए रोटियां कमाने घर से निकलता है..."


Aksar bachee huee thandee rotiyaan usee shakhs ke hisse mein aatee hai,
Jo shakhs apane ghar ke lie rotiyaan kamaane ghar se nikalata hai !!