ज़िंदगी बैठी थी अपने हुस्न पे फूली हुई Admin / Aug 14, 2021 ज़िंदगी बैठी थी अपने हुस्न पे फूली हुई ज़िंदगी बैठी थी अपने हुस्न पे फूली हुई, मौत ने आते ही सारा रंग फीका कर दिया। Zindagi Baithi Thi Apne Husn Pe Phooli Hui, Maut Ne Aate Hi Saara Rang Feeka Kar Diya. Shayari Maut Shayari