हर एक हर्फ़ का अंदाज़ बदल रखा हैं

हर एक हर्फ़ का अंदाज़ बदल रखा हैं

हर एक हर्फ़ का अंदाज़ बदल रखा हैं
आज से हमने तेरा नाम ग़ज़ल रखा हैं

मैंने शाहों की मोहब्बत का भरम तोड़ दिया
मेरे कमरे में भी एक “ताजमहल” रखा हैं


Har ek harf ka andaaz badal rakha hain
Aaj se humne tera naam gazal rakha hain

Maine shaahon ki mohabbt ka bharm tod diya
Mere kamre me bhi aek Tajmahal rakha hain