हमारा ज़िक्र भी अब जुर्म हो गया है साहिब Admin / Aug 26, 2024 हमारा ज़िक्र भी अब जुर्म हो गया है साहिब हमारा ज़िक्र भी अब जुर्म हो गया है साहिब ... दिनों की बात है ,महफिल की आबरू थे हम. Hamaara zikr bhee ab jurm ho gaya hai saahib ... Dinon kee baat hai ,mahaphil kee aabaroo the ham. Shayari Din Shayari Ham Shayari Hindi Shayari Mehfil Shayari