सुबह के तख़्त नशीं शाम को मुजरिम ठेहरे

सुबह के तख़्त नशीं शाम को मुजरिम ठेहरे

सुबह के तख़्त नशीं, शाम को मुजरिम ठेहरे...
हम ने पल भर में नसीबों को बदलते देखा...!!


Subah ke takht nasheen, shaam ko mujarim thehare...
Ham ne pal bhar mein naseebon ko badalate dekha...!!