सच्चे मित्र की मात्र पहचान इतनी है

सच्चे मित्र की मात्र पहचान इतनी है

सच्चे मित्र की मात्र पहचान इतनी है

सच्चे मित्र की मात्र पहचान इतनी है
भटकाव चाहे जितना भी पर मंज़िल गुमनाम नहीं होती ।


Sachche mitr kee maatr pahachaan itanee hai
Bhatakaav chaahe jitana bhee par manzil gumanaam nahin hotee .