संसार की हर शय का इतना ही फ़साना है

संसार की हर शय का इतना ही फ़साना है

संसार की हर शय का इतना ही फ़साना है
इक धुंध से आना है इक धुंध में जाना है
~ साहिर लुधियानवी ~


Sansaar kee har shay ka itana hee fasaana hai
Ik dhundh se aana hai ik dhundh mein jaana hai
~ saahir ludhiyaanavee ~