शामें कटती नहीं और साल गुज़रते चले जा रहे हैं Rajnish / Jan 31, 2022 शामें कटती नहीं और साल गुज़रते चले जा रहे हैं ज़िन्दगी का फलसफा भी कितना अजीब हैं, शामें कटती नहीं और साल गुज़रते चले जा रहे हैं। Zindagee ka phalasapha bhee kitana ajeeb hain, Shaamen katatee nahin aur saal guzarate chale ja rahe hain. Shayari Fal Shayari New Year Shayari Saal Shayari Shaam Shayari Zindagi Shayari