मुझे ही नहीं रहा शौक़ ए मोहब्बत वरना

मुझे ही नहीं रहा शौक़ ए मोहब्बत वरना

मुझे ही नहीं रहा शौक़ ए मोहब्बत वरना

मुझे ही नहीं रहा शौक़-ए-मोहब्बत वरना
तेरे शहर की खिड़कियाँ इशारे अब भी करती हैं।


Mujhe hee nahin raha shauq-e-mohabbat varana
Tere shahar kee khidakiyaan ishaare ab bhee karatee hain.