बहुत जी चाहता है क़ैद-ए-जाँ से हम निकल जायें Admin / Aug 09, 2021 बहुत जी चाहता है क़ैद-ए-जाँ से हम निकल जायें बहुत जी चाहता है क़ैद-ए-जाँ से हम निकल जायें, तुम्हारी याद भी लेकिन इसी मलबे में रहती है। Bahut Jee Chahta Hai Qaid-e-Jaan Se Nikal Jayein, Tumhari Yaad Bhi Lekin Isee Malabe Mein Rahti Hai. Shayari Tumhari Shayari Yaad Shayari