पीछे बँधें हैं हाथ और शर्त हैं सफर की Admin / Jan 30, 2022 पीछे बँधें हैं हाथ और शर्त हैं सफर की पीछे बँधें हैं हाथ और शर्त हैं सफर की । अब किस से कहूँ मेरे पाँव के काँटे निकाल दे । Peechhe bandhen hain haath aur shart hain saphar kee . Ab kis se kahoon mere paanv ke kaante nikaal de . Shayari Haath Shayari Sad Shayari Safar Shayari