पतझड़ को भी तू फुर्सत से देखा कर ऐ दिल

पतझड़ को भी तू फुर्सत से देखा कर ऐ दिल

पतझड़ को भी तू फुर्सत से देखा कर ऐ दिल

पतझड़ को भी तू फुर्सत से देखा कर ऐ दिल...!
बिखरे हुए हर पत्ते की अपनी अलग कहानी है....!!


Patajhad ko bhee too phursat se dekha kar ai dil...!
Bikhare hue har patte kee apanee alag kahaanee hai....!!