न मांझी न हमसफर न हक में हवाए

न मांझी न हमसफर न हक में हवाए

न मांझी न हमसफर न हक में हवाए

न मांझी, न हमसफर न हक में हवाए,
कश्ती भी जर्जर है, ये कैसा सफर है...!


Na maanjhee, na hamasaphar na hak mein havae,
Kashtee bhee jarjar hai, ye kaisa saphar hai...!