तू बेरूख हवा में चाहतों का दिया Admin / Jan 07, 2022 तू बेरूख हवा में चाहतों का दिया तू बेरूख हवा में चाहतों का दिया, जलाने की ज़िद न कर, ये क़ातिलों का शहर है, यहाँ मुस्कुराने की ज़िद न कर। Tu Berukh Hawa Mein Chahto Ka Diya, Jalaane Ki Zid Na Kar, Yeh Qaatilo Ka Shahar Hai, Yehan Muskurane Ki Zid Na Kar. Shayari Sad Shayari