तुम्हारी निगाहे क्या कमाल करती है

तुम्हारी निगाहे क्या कमाल करती है

तुम्हारी निगाहे क्या कमाल करती है,
कभी हकीकत तो कभी अप्साने बया करती है,
थम्सी जाती है उस पल धरकने,
थम्सी जाती है उस पल धरकने,
जब तुम्हारी झुकी पल्के मोहब्बत का इज़हार करती है !!


Tumhaaree nigaahe kya kamaal karatee hai,
Kabhee hakeekat to kabhee apsaane baya karatee hai,
Thamsee jaatee hai us pal dharakane,
Thamsee jaatee hai us pal dharakane,
Jab tumhaaree jhukee palke mohabbat ka izahaar karatee hai !!