तुझसे पहले भी कई जख्म थे सीने में मगर Admin / Jul 29, 2021 तुझसे पहले भी कई जख्म थे सीने में मगर तुझसे पहले भी कई जख्म थे सीने में मगर, अब के वह दर्द है दिल में कि रगें टूटती हैं। Tujhse Pahle Bhi Kayi Zakhm The Seene Mein Magar, Ab Ke Woh Dard Hai Ke Ragein TootTi Hain. Shayari Dard-bhari Shayari