गिरते रहे सजदों में हम अपनी ही हसरतों की खातिर

गिरते रहे सजदों में हम अपनी ही हसरतों की खातिर

गिरते रहे सजदों में हम अपनी ही हसरतों की खातिर
अगर इश्क़-ऐ-खुदा में गिरे होते तो कोई हसरत अधूरी ना होती !!


Girate rahe sajadon mein ham apanee hee hasaraton kee khaatir
Agar ishq-ai-khuda mein gire hote to koee hasarat adhooree na hotee !!