खुशबू बनकर गुलों से उड़ा करते हैं

खुशबू बनकर गुलों से उड़ा करते हैं

खुशबू बनकर गुलों से उड़ा करते हैं

खुशबू बनकर गुलों से उड़ा करते हैं ,
धुआं बनकर पर्वतों से उड़ा करते हैं,
ये कैंचियाँ खाक हमें उड़ने से रोकेगी,
हम परों से नहीं हौसलों से उड़ा करते हैं।


Khushaboo banakar gulon se uda karate hain ,
Dhuaan banakar parvaton se uda karate hain,
Ye kainchiyaan khaak hamen udane se rokegee,
Ham paron se nahin hausalon se uda karate hain.