कोई हाथ भी न मिलाएगा, जो गले मिलोगे तपाक से Neha / Jan 31, 2022 कोई हाथ भी न मिलाएगा, जो गले मिलोगे तपाक से कोई हाथ भी न मिलाएगा, जो गले मिलोगे तपाक से, ये नए मिजाज का शहर है, जरा फ़ासले से मिला करो। Koee haath bhee na milaega, jo gale miloge tapaak se, Ye nae mijaaj ka shahar hai, jara faasale se mila karo. Shayari Haath Shayari Hindi Shayari Log Shayari Shahar Shayari