कितना बेबस है इंसान किस्मत के आगे

कितना बेबस है इंसान किस्मत के आगे

कितना बेबस है इंसान, किस्मत के आगे!
हर सपना टूट जाता है हकीकत के आगे!
जिसने कभी हाथ न फेलाया हो,
वो भी हाथ फेलता है `गोलगप्पे वाले` के आगे!


Kitana bebas hai insaan, kismat ke aage!
Har sapana toot jaata hai hakeekat ke aage!
Jisane kabhee haath na phelaaya ho,
Vo bhee haath phelata hai `golagappe vaale` ke aage!