कितना और बदलूँ ख़ुद को जीने के लिए

कितना और बदलूँ ख़ुद को जीने के लिए

कितना और बदलूँ ख़ुद को जीने के लिए

कितना और बदलूँ ख़ुद को जीने के लिए,
ऐ ज़िन्दगी, थोड़ा सा तो मुझको मुझमें बाक़ी रहने दे !!


Kitana aur badaloon khud ko jeene ke lie,
Ai zindagee, thoda sa to mujhako mujhamen baaqee rahane de !!