अब उस मकाम पर हूँ जहाँ ना तुझसे और मिल सकता हूँ Admin / Aug 26, 2024 अब उस मकाम पर हूँ जहाँ ना तुझसे और मिल सकता हूँ अब उस मकाम पर हूँ, जहाँ ना तुझसे और मिल सकता हूँ, और ना तुझसे और बिछड़ सकता हूँ !! Ab us mukaam par hoon, jahaan na tujhe aur mil sakata hoon, Aaur na tujhase aur bichhad sakata hoon !! Shayari Hindi Shayari Kaam Shayari Makam Shayari